भावनाएं

भावनाएं ऊर्जा की तरह होती हैं,
इनका सृजन अथवा विध्वंस नहीं किया जा सकता,
ये केवल रूप परिवर्तन करती हैं,
इनका नकारात्मक होना या सकारात्मक होना परिस्थितियों पर निर्भर करता है,
जीवन के सभी पक्ष इनसे संचालित हैं,
इनसे रहित मनुष्य मृत होता है.....

2 comments:

ghughutibasuti said...

सहमति है ।
घुघूती बासूती

Divine India said...

अमृत वाणी!!!